Ayurvedic Remedies of Fever: कोरोना (Corona) हो या फिर मौसम में बदलाव, अक्सर लोगों को बुखार हो ही जाता है. जब शरीर का तापमान 98.6° फारेनहाइट से ऊपर होता है, तो यह आमतौर पर बुखार (What is Fever) कहलाता है. बुखार होने पर शरीर में दर्द, सिर में दर्द, थकान, चक्कर आना, ठंड या कपकपी लगना, भूख ना लगना, मांसपेशियों में ऐंठन, शारीरिक ऊर्जा में कमी आदि लक्षण (Symptoms of Fever) नजर आते हैं. सबसे ज्यादा लोग वायरल फीवर से ग्रस्त होते हैं. यह 3 से 7 दिनों तक बना रह सकता है. इसमें व्यक्ति शारीरिक रूप से बेहद कमजोरी महसूस करने लगता है. कई बार शरीर का तापमान 102 से 103 डिग्री पहुंच जाता है और दवा खाने के बाद भी तापमान कम ना हो, बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. हो सकता है किसी अन्य रोग के कारण बार-बार तेज बुखार हो रहा हो. बॉडी टेम्परेचर इसलिए भी बढ़ता है, जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immunity) कई तरह के बैक्टीरिया, वायरस से लड़ने के लिए मेहनत करता है. बुखार होने पर आप शरीर के तापमान को इन आयुर्वेदिक उपायों (Ayurvedic Treatment of Fever) से कम कर सकते हैं.
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बुखार ठीक करने के आयुर्वेदिक उपाय
- सार्थक आयुर्वेदालय एवं पंचकर्मा केंद्र (मथुरा) के पंचकर्मा विशेषज्ञ और आयुर्वेदाचार्य डॉ. अंकुर अग्रवाल कहते हैं आयुर्वेद के अनुसार, जब हमारे पेट की पाचनशक्ति कमजोर हो जाती है और हमें भूख नहीं लगती, फिर भी हम खाना खा लेते हैं, तो इससे हमारी भूख पूरी तरह से खत्म हो जाती है. इसी कारण से बुखार आ जाता है. हालांकि, यह अधिक गंभीर बुखार नहीं होता है.
- जब शरीर का तापमान बहुत अधिक हो लगभग 101 डिग्री फारेनहाइट से ऊपर, तब माथे पर ठंडे पानी की पट्टी रखने से बुखार कम होने लगता है. जब शरीर का तापमान बढ़ता है, तो वह सिर और हृदय पर अटैक करता है. ठंडे पानी की पट्टी रखने से हमारा सिर और हृदय सुरक्षित रहेगा.
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- जब अधिक बुखार हो तो चंदन घिसकर मरीज के नाभि और पैरों के तलवों पर लगाना चाहिए. इसे बुखार धीरे-धीरे कम होने लगता है.
- कभी भी पंखे की हवा में ना सोएं. हमेशा बुखार होने पर कंबल ओढ़कर लेटना चाहिए, जिससे शरीर में पसीना आने से बुखार कम हो सकता है.
- बुखार में हमेशा लंघन करना सबसे बेहतरीन उपचार माना गया है. लंघन यानी लघु आहार का सेवन करना. बुखार जब भी हो तो खाना बहुत हल्का और सुपाच्य खाएं. बहुत अधिक हेवी, तेल-मसालेदार चीजों का सेवन ना करें. दरअसल, बुखार कमजोर पाचनशक्ति के कारण आता है, इसलिए हल्का भोजन करने से पाचनशक्ति में जल्दी सुधार आ सकता है, जिससे पाचनतंत्र को बल मिलता है.
- आप एक अनार का रस दिन में दो से तीन बार मरीज को पिला सकते हैं. अनार के बीज को निकालकर एक कपड़े में उसे डालें और अच्छी तरह से निचोड़कर रस निकाल लें. मिक्सी में डालकर रस ना निकालें. ठंड के समय में जुकाम है, तो हल्का गुनगुना करके पिलाएं.
- तुलसी, अदरक, लहसुन आदि के सेवन से भी बुखार कम कर सकते हैं. तुलसी का काढ़ा या फिर तुलसी वाली चाय पीने से बुखार में आराम मिलता है. यह शरीर के तापमान को कम करती है, इंफेक्शन से लड़ती है. तुलसी में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल तत्व होते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं.
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