नई दिल्ली. कच्चा तेल लगभग दो वर्षों में $100 से नीचे फिसलकर अपनी सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट की ओर बढ़ रहा है. दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के स्ट्रैटेजिक यूएस रिजर्व को जारी करने के आदेश के बाद कीमतें गिर गई हैं. वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट फ्यूचर शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में 0.8 फीसदी गिरा और इस हफ्ते करीब 13 फीसदी टूटा है. यह सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट हो सकती है.
अमेरिका 6 महीने के लिए प्रतिदिन 10 लाख बैरल तेल रिलीज की योजना बना रहा है. हालांकि, विश्लेषकों ने इस पर कमेंट किया है कि कोई भी राहत थोड़े समय के लिए होगी. ओपेक प्लस अलायंस की बैठक से ठीक पहले गुरुवार की सुबह ऐसी खबरें आईं कि तेल उत्पादक देशों का संगठन मई में आपूर्ति बढ़ा सकता है.
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रूस के यूक्रेन पर आक्रमण का असर
रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले की शुरुआत के साथ ही ग्लोबल कमोडिटी बाजार में उथल-पुथल होने लगी थी. इस दौरान भोजन से लेकर ईंधन तक की कीमतें बढ़ी हैं और बढ़ रही हैं. इससे महामारी के बाद आर्थिक विकास को गति देने की कोशिश में लगी सरकारों की चुनौतियां काफी बढ़ गई हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दुनियाभर में पैदा हुए संकट के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने उत्पादन बढ़ाने इच्छा न दिखाने के लिए अमेरिकी तेल कंपनियों की भी आलोचना की है.
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छह महीने में 2 बार खुला रिजर्व
अमेरिका ने पिछले 6 महीनों में 2 बार अपना रिजर्व खोला है, लेकिन यह कीमतों को कम करने के लिए पर्याप्त नहीं था. इस बार लगभग 180 मिलियन बैरल तेल रिलीज किया जा सकता है, और बिडेन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनके सहयोगी अपने रिजर्व से 30 मिलियन से 50 मिलियन बैरल अधिक जारी करेंगे. अमेरिका में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है.
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