नई दिल्ली. सरकार स्पेशियलिटी स्टील (Speciality Steel) के प्रोडक्शन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI) में बदलाव करने पर विचार कर रही है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि पीएलआई के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तारीख भी करीब एक महीने बढ़ाकर 30 अप्रैल कर दी गई है.
5.25 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
भारत में विशेष प्रकार के इस्पात के प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले साल 22 जुलाई को 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी. इस कदम से 40,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश आने और रोजगार के 5.25 लाख अवसर पैदा होने का अनुमान है.
स्टील मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस योजना के तहत निवेश करने के इच्छुक निवेशकों के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तारीख 29 मार्च, 2022 थी जिसे बढ़ाकर अब 30 अप्रैल कर दिया गया है. अधिकारी ने बताया कि योजना में कुछ बदलाव किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कदम इस्पात विनिर्माताओं के अनुरोध पर उठाया गया है जिन्होंने योजना को लेकर कुछ चिंता जताई थी.
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योजना में संभावित परिवर्तनों के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘स्पेशियलिटी स्टील के प्रोडक्शन पर हम एक समान प्रोत्साहन देने के लिए काम कर रहे हैं. योजना में स्टील की और श्रेणियों को जोड़ा जाएगा विशेषकर जिनका इस्तेमाल रक्षा क्षेत्र में होता है. प्रोडक्शन की सीमा पर भी विचार किया जा रहा है.’’
इससे पहले स्टील राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने उम्मीद जताई थी कि योजना का लाभ उठाने के लिए बड़ी संख्या में घरेलू और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां आगे आएंगी और स्पेशियलिटी स्टील के उत्पादन के लिए भारत में निवेश करेंगी.
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पीएलआई योजना के साथ सरकार का लक्ष्य सालाना 33,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत करना है जो विशेष इस्पात के आयात पर खर्च होती है.
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