नई दिल्ली. बेरोजगारी (Unemployment) को लेकर अब राहत राहत मिलती दिख रही है. अर्थव्यवस्था के धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की ओर लौटने के साथ देश में बेरोजगारी की दर घट रही है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (CMIE) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है.
सीएमआईई के मासिक आंकड़ों के मुताबिक, देश में बेरोजगारी की दर फरवरी में 8.10 फीसदी थी, जो मार्च में घटकर 7.6 प्रतिशत रह गई. 2अप्रैल को यह अनुपात और घटकर 7.5 फीसदी रह गया. शहरी बेरोजगारी की दर 8.5 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह 7.1 फीसदी रही.
इंडियन स्टेटिकल इंस्टीट्यूट (Indian Statistical Institute) के अर्थशास्त्र के सेवानिवृत्त प्रोफेसर अभिरूप सरकार ने कहा कि बेरोजगारी की दर घट रही है, लेकिन भारत जैसे ‘गरीब’ देश की दृष्टि से यह अब भी काफी ऊंची है. उन्होंने कहा कि बेरोजगारी अनुपात में गिरावट से पता चलता है कि कोविड-19 महामारी के बाद अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है.
सरकार ने कहा, ‘‘लेकिन भारत जैसे गरीब देश के लिए बेरोजगारी दर अभी काफी ऊंची है. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग बेरोजगारी को नहीं झेल सकते. इसलिए उनको खाने-कमाने के लिए जो भी रोजगार मिल रहा है, वे उसके लिए तैयार हो जाते हैं.’’
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मार्च में हरियाणा में बेरोजगारी की दर सबसे अधिक 26.7 फीसदी रही
आंकड़ों के अनुसार, मार्च में हरियाणा में बेरोजगारी की दर सबसे अधिक 26.7 फीसदी रही. उसके बाद राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में यह 25-25 फीसदी रही. बिहार में बेरोजगारी की दर 14.4 फीसदी, त्रिपुरा में 14.1 फीसदी और पश्चिम बंगाल में 5.6 फीसदी रही.
कर्नाटक और गुजरात में बेरोजगारी की दर सबसे कम
अप्रैल, 2021 में कुल बेरोजगारी की दर 7.97 फीसदी थी. पिछले साल मई में यह 11.84 फीसदी के उच्चस्तर पर पहुंच गई थी. मार्च, 2022 में कर्नाटक और गुजरात में बेरोजगारी की दर सबसे कम 1.8-1.8 फीसदी रही.
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