नई दिल्ली. विदेशी निवेशकों का भारत पर विश्वास बरकरार है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) के अनुसार भारत लगातार सर्वाधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) हासिल कर रहा है. उन्होंने सोमवार को संसद में यह जानकारी दी. सीतारमण ने देश के रिटेल निवेशकों की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने साबित किया है कि कोई भी झटका लगे, उसे संभाला जा सकता है. उन्होंने विदेशी निवेशकों के देश के शेयर मार्केट्स से बड़ी मात्रा में धन निकालने के संदर्भ में यह बात कही. केंद्रीय वित्त मंत्री लोकसभा में कांग्रेस सदस्य शशि थरूर के सवाल का जवाब दे रही थीं. थरूर ने विदेशी निवेशकों की ओर से 1.14 लाख करोड़ रुपये से अधिक धन निकालने का उल्लेख करते हुए विदेशी निवेशकों के निवेश कम करने की प्रवृत्ति के बारे में सवाल किया था.
विदेशी निवेशकों ने लगातार छठे महीने अपने निवेश को निकालने का सिलसिला जारी रखते हुए मार्च में भारतीय इक्विटी मार्केट में 41,000 करोड़ रुपये की बिकवाली की. पिछले महीने अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बिगड़ते भू-राजनीतिक माहौल के कारण विदेशी निवेशकों ने मार्केट से इतनी बड़ी मात्रा में पूंजी की निकासी की. यह जनवरी में 33,303 करोड़ रुपये और फरवरी में 35,592 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी से कहीं ज्यादा है.
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विदेशी निवेशक पिछले छह महीने से इक्विटी मार्केट से पैसे निकाल रहे हैं. उन्होंने अक्टूबर 2021 से मार्च 2022 के बीच कुल 1.48 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं.
सीतारमण ने कहा कि विदेशी निवेश को सिर्फ विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) से नहीं आंकना चाहिए. ऐसे निवेशकों की निर्भरता ब्याज दरों पर होती है और उनमें उतार-चढ़ाव होता रहता है. वित्त मंत्री सीतारमण लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सांसद थरूर के सवाल का जवाब दे रही थीं.
रिटेल निवेशकों की सराहना करें
सीतारमण ने कहा कि एफआईआई और एफपीआई आते-जाते रहेंगे, लेकिन आज भारतीय खुदरा निवेशकों ने यह साबित कर दिया है कि भले ही कोई झटका लगे, वे उसे संभाल सकते हैं. उन्होंने कहा, “हमें सदन में खड़े होकर उन भारतीय रिटेल निवेशकों की सराहना करनी चाहिए, जिन्होंने बहुत अधिक विश्वास के साथ आज आज भारतीय बाजारों में निवेश किया है.”
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कांग्रेस सांसद शशि थरूर सरकार से सवाल किया कि विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं. इस पर सीतारमण ने कहा कि एफडीआई का निवेश बेरोकटोक बरकरार है.
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