नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा हाल में नीतिगत दरों में बढ़ोतरी का फैसला नहीं, बल्कि इस फैसले का समय हैरान करने वाला है. उन्होंने कहा कि आरबीआई का प्रमुख लेंडिंग रेट (Lending Rate) बढ़ाने का फैसला दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों की समन्वित कार्रवाई का हिस्सा है.
वित्त मंत्री के मुताबिक, आरबीआई के फैसले का समय हैरान करने वाला है, क्योंकि यह दो मौद्रिक नीति समीक्षाओं के बीच किया गया. उन्होंने मुंबई में एक प्रोग्राम में कहा, “यह वह समय है, जिसने कई लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है, लेकिन लोगों ने जो सोचा था, उसे किसी तरह करना ही था. वह किसी भी हद तक भिन्न हो सकता था. इस पर हैरानी सिर्फ इसलिए हुई क्योंकि यह दो मौद्रिक नीति समीक्षाओं के बीच आया है.” उन्होंने सफाई दी कि केंद्रीय बैंक ने ने अपनी अप्रैल की समीक्षा नीति में संकेत दे दिया था कि अब महंगाई पर कार्रवाई करने का समय आ गया है.
इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश पर प्रभाव नहीं
सीतारमण ने जोर देकर कहा कि वह केंद्रीय बैंक के कदम को सरकार के इंफ्रास्ट्रक्चर के निवेश को प्रभावित करने वाले कदम के रूप में नहीं देखती हैं. केंद्रीय बैंक ने अगस्त 2018 के बाद से नीतिगत दर में पहली बार बढ़ोतरी की है. इससे कॉरपोरेट्स के साथ व्यक्तिगत श्रेणी में भी कर्ज लेना महंगा हो जाएगा. नवीनतम आश्चर्यजनक बढ़ोतरी मई 2020 में घोषित कोविड-सपोर्ट ऑफ साइकिल रेट कट से पूरी तरह उलट है.
सीआरआर में भी हुई है बढ़ोतरी
केंद्रीय बैंक ने बुधवार को अपनी प्रमुख उधार दर को 40 आधार अंक बढ़ाकर 4.4 फीसदी कर दिया है. साथ ही, कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में भी 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है. केंद्रीय बैंक ने बढ़ती महंगाई, भू-राजनीतिक तनाव, कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और वस्तुओं की वैश्विक कमी को इसका कारण बताया है.
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FIRST PUBLISHED : May 08, 2022, 15:45 IST