World Lupus Day 2022: आज ‘विश्व ल्यूपस दिवस’ है. ल्यूपस एक इंफ्लेमेटरी और ऑटोइम्यून डिजीज है, जो बेहद ही गंभीर बीमारी है. इस बीमारी के बारे में आज भी बहुत कम लोग जानते हैं. प्रत्येक वर्ष आज के दिन (10 मई) ल्यूपस रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने, इसके लक्षणों, शरीर पर होने वाले इसके प्रभावों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देने के लिए कई तरह के कैंपेन, प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं. यह बीमारी इतनी गंभीर होती है कि इंसान के मस्तिष्क, त्वचा, किडनी और भी कई अंगों को प्रभावित करती है. ल्यूपस रोग किन कारणों से होता है, इसके बारे में अभी तक सही से पता नहीं चला है, लेकिन कुछ फैक्टर्स जैसे हार्मोंस, जींस, पर्यावरण ल्यूपस होने की संभावनाओं को बढ़ाते हैं. जानते हैं क्या है ल्यूपस रोग, इसके लक्षण, इलाज के बारे में.
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क्या है ल्यूपस बीमारी
अवेयरनेसडेज डॉट कॉम में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, ल्यूपस एक गंभीर घातक बीमारी है. इससे पीड़ित और प्रभावित व्यक्तियों को समर्थन, सही इलाज की बेहद जरूरत होती है. ल्यूपस रोग एक इंफ्लेमेटरी और ऑटोइम्यून बीमारी है, जो तब होती है, जब शरीर की प्रणाली अपने खुद के ऊतकों और अंगों पर हमला करने लगती है. इससे इंफ्लेमेशन होता है, जो शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकता है. त्वचा, किडनी, मस्तिष्क, रक्त कोशिकाएं, फेफड़े, हार्ट, जोड़ों सहित शरीर के विभिन्न अंग इस रोग में प्रभावित होने लगते हैं.
ल्यूपस के लक्षण
ल्यूपस का निदान करना अक्सर मुश्किल होता है, क्योंकि इसके लक्षण अन्य सामान्य बीमारियों के समान होते हैं. हालांकि, इस रोग को चेहरे की त्वचा पर नजर आने वाले एक खास लक्षण से पहचाना जा सकता है. इसमें गाल और नाक पर तितली के पंखों जैसा लाल स्किन रैश बन जाता है. इसे बटरफ्लाई रैश भी कहते हैं. इसके अलावा अन्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- सांस लेने में तकलीफ महसूस करना
- लगातार सीने में दर्द होना
- जोड़ों का दर्द, सूजन और जकड़न
- बुखार और थकान महसूस करना
- ठंड के संपर्क में आने पर हाथों-पैरों की उंगलियां नीली हो जाना
- सिरदर्द होना
- भ्रम और स्मृति हानि
- मुंह में घाव होना
- लिम्फ नोड्स में सूजन होना
- सूरज की रोशनी के प्रति संवेदनशीलता
- पाचन संबंधी जटिलताएं
- व्यवहार में परिवर्तन नजर आना
- रक्त असामान्यताएं
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ल्यूपस रोग का निदान, इलाज
ल्यूपस या प्रणालीगत ल्यूपस एरिथेमेटोसस (systemic lupus erythematosus) के निदान में यूरिनलिसिस, किडनी बायोप्सी, चेस्ट एक्स-रे, एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी, क्रायोग्लोबुलिन आदि जैसे परीक्षण शामिल हैं. टेस्ट कराने के बाज ल्यूपस होने का पता चलता है, तो उसी अनुसार इलाज की प्रक्रिया शुरू की जाती है. इसमें ल्यूपस के लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए दवाएं और एहतियाती उपाय शामिल हैं.
-मरीज को जितना हो सके सूरज की यूवी किरणों के एक्सपोजर से बचना चाहिए.
-शारीरिक रूप से सक्रिय रहना बहुत जरूरी है.
-धूम्रपान, एल्कोहल के सेवन से बचना चाहिए.
-प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के उपाय अपनाएं.
-इंफ्लेमेशन या सूजन को प्रबंधित करना चाहिए.
-स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए.
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Tags: Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : May 10, 2022, 12:44 IST