वाशिंगटन . महंगाई से इस समय पूरी दुनिया त्रस्त है. अमेरिका में पिछले लगभग 7 महीने से इंफ्लेशन यानी महंगाई हाई पर चल रही है. मार्च में तो अमेरिकी मुद्रास्फीति यानी इंफ्लेशन 40 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी. आज बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में महंगाई थोड़ी सी कम हुई है. लेकिन 40 साल के हाइएस्ट लेवल से थोड़ी सी ही नीचे है.
उपभोक्ता कीमतें में लास्ट महीने यानी अप्रैल में सालाना आधार पर 8.3 फीसदी की उछाल देखने को मिली है. मार्च में सालाना आधार पर 8.5 फीसदी की वृद्धि से थोड़ा सा कम है. यह आंकड़ा 1981 के बाद से सबसे हाइएस्ट लेवल पर था.
युद्ध का असर
लेबर डिपार्टमेंट के मुताबिक, गैसोलाइन के लिए consumer price index (CPI) मार्च की तुलना में अप्रैल में 6.1 फीसदी कम है. पेट्रोल-डीजलों की कीमतों में तेजी रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से देखी जा रही है. युद्ध ने ग्लोबल फूड प्राइस को महंगा किया है. मार्च से अप्रैल में मासिक आधार पर 0.3 फीसदी की मामूली कमी है. फरवरी से मार्च में उपभोक्ता कीमतें 1.2 फीसदी बढ़ी थी. क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से गैस प्राइस तेजी से बढ़ी थीं. अमेरिका में एक गैलन रेगुलर गैस की कीमतें रिकॉर्ड 4.40 डॉलर पर पहुंच गई थीं.
रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले मुद्रास्फीति यानी महंगाई दुनियाभर के लिए समस्या थी. कोरोना की वजह से सरकारों ने अर्थव्यवस्था में खूब पैसे डाले थे और केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में कटौती की. अब यह समस्या और गंभीर हो गई है. बढ़ती मुद्रास्फीति को रोकने को रोकने के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों को बढ़ाना शुरू कर दिया है. इसका थोड़ा असर दिखा है. पिछले महीने 50 बेसिस प्लाइंट बढ़ोतरी के बाद आगे भी रेट हाइक जारी रहने के संकेत फेड ने दिए हैं.
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Tags: America, Federal Reserve meeting, Inflation, RBI
FIRST PUBLISHED : May 11, 2022, 20:16 IST