Investment Tips : जब आप रिटायरमेंट या लॉन्ग टर्म निवेश की प्लानिंग करते हैं तो Public Provident Fund (PPF) में निवेश सबसे बेहतर विकल्पों में से एक दिखता है. 30 जून, 2022 को समाप्त होने वाली इस तिमाही के लिए पीपीएफ पर ब्याज दर वार्षिक आधार पर 7.1 प्रतिशत चक्रवृद्धि है. इस निवेश विकल्प में योगदान आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर मुक्त है. परिपक्वता आय भी कर-मुक्त होती है, इस प्रकार, यह एक बेहतर निवेश विकल्प बनकर उभरता है.
जब आपके पीपीएफ निवेश के 15 साल यानी लॉकइन पीरियड खत्म हो जाता है तो सवाल उठता है कि अब क्या करें. या तो आप अपना पैसा निकाल सकते हैं या छोड़ सकते हैं. ऐसी स्थिति में आपके पास कई सारे विकल्प होते हैं. हम यहां उन विकल्पों पर बात करेंगे कौन कितना फायदेमंद है.
क्लोज कर सकते हैं
पहला विकल्प ये है कि आप इस खाते को क्लोज कर सकते हैं. मेच्योरिटी में मिली राशि पर बिना टैक्स की चिंता किए इसे बचत खाते में रख सकते हैं. पीपीएफ जमा कर मुक्त निवेश है.
पांच साल के लिए और बढ़ा सकते हैं
15 साल पूरा होने पर आप इसे 5 साल के लिए और बढ़ा सकते हैं. इन 5 सालों में आपको मंथली पैसा नहीं जमा करना होगा. बस आपका पूरा पैसा 5 साल के लिए लॉकइन होगा. इस पर आपको वर्तमान दर से (अभी 7.1 फीसदी) ब्याज मिलेगा. यह ब्याज दर बचत खाते या एफडी से ज्यादा है. लिहाजा आपको सबसे ज्यादा आपको ब्याज मिलेगा और टैक्स की भी चिंता नहीं है.
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न्यूनतम योगदान के साथ भी जारी रख सकते हैं
आप विस्तार अवधि के दौरान न्यूनतम योगदान करना भी जारी रख सकते हैं. इसका मतलब है कि कॉर्पस के अलावा, आप ताजा जमा पर भी ब्याज अर्जित करते हैं. हालांकि, यह निकासी सीमा के संबंध में कुछ प्रतिबंधों के साथ भी आता है. उदाहरण के लिए, आपके पीपीएफ खाते के विस्तार के उन पांच वर्षों के दौरान, आप विस्तार अवधि की शुरुआत में अर्जित परिपक्वता राशि का केवल 60 प्रतिशत ही निकाल सकते हैं. साथ ही, प्रति वर्ष केवल एक निकासी की अनुमति है.
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FIRST PUBLISHED : May 11, 2022, 18:47 IST