नई दिल्ली. पर्सनल लोन देने वाले ऐप्स (Personal Loan Apps) को लेकर Google ने अपनी डेवलपर पॉलिसी में कई बदलाव किए हैं. अब लोन देने वाले ऐप्स को Google Play Store पर बने रहने के लिए कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट गूगल को देने होंगे. ऐप डेवलपर्स को पर्सनल लोन ऐप डिक्लेरेशन को पूरा करना होगा. ये नए नियम 11 मई से लागू हो गए हैं. इन नए नियमों के लागू होने से पर्सनल लोन उपलब्ध करवाने वाले ऐप्स की मनमानी और धोखाधड़ी पर लगाम लगने की उम्मीद है.
देश में लोन देने वाले ऐप्स की पिछले कुछ दिनों से भरमार हो गई है. ये ऐप्स यूजर्स को कुछ ही मिनटों में लोन दे देते हैं. लेकिन, बाद में ये अपने लोन की वसूली के लिए लोगों को बहुत परेशान करते हैं और ब्याज भी बहुत ज्यादा वसूलते हैं. लोन ऐप्स बहुत दिनों से विवादों में घिरे हैं. अब इसी को देखते हुए गूगल ने लोन ऐप डेवलपर्स के लिए नियमों को कड़ा किया है.
गूगल ने अब पर्सनल लोन ऐप को परिभाषित भी कर दिया है. गूगल प्ले स्टोर पॉलिसी के अनुसार एक पर्सनल लोन ऐप वह ऐप है जो, “किसी व्यक्ति, संस्था या इकाई से ऋण लेकर किसी कंज्यूमर को नॉनरिक्यूरिंग बेसिस पर लोन देता है तथा यह लोन किसी चल संपत्ति की खरीद या शिक्षा के लिए नहीं दिया जाता.”
गूगल के नए नियम
गूगल के नए नियमों के अनुसार भारत के पर्सनल लोन ऐप्स को डेवलेपर्स को अब कंप्लीट डिक्लेरेशन देनी होगी. यही नहीं ऐप चलाने के लिए सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स भी जमा कराने होंगे. पर्सनल लोन देने वाले उन्हीं ऐप को गूगल प्ले स्टोर पर स्थान देगा जिनके पास भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) का लाइसेंस होगा. आरबीआई द्वारा दिया गया लाइसेंस सबमिट भी करना होगा. गूगल अब बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के लाइसेंस के पर्सनल लोन ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर में मान्यता नहीं देगा.
बताना होगा बिजनेस
पर्सनल लोन ऐप्स को अब अपने काम करने का पूरा तरीका गूगल को बताना होगा. वो खुद पैसा उधार देते हैं या बिचौलिये हैं, ये भी बताना होगा. अगर पर्सनल लोन ऐप्स वाले सीधे तौर पर पैसे उधार देने की गतिविधियों में शामिल नहीं हैं और सिर्फ रजिस्टर्ड गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) या बैंकों द्वारा यूजर्स को लोन देने की सुविधा के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान कर रहे हैं, तो उनको इस बात का उल्लेख स्पष्ट रूप से अपनी घोषणा (Declaration) में करना होगा.
अगर ऐप स्वयं लोन नहीं देता है बल्कि बैंकों या एनबीएफसी को प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराता है तो उसे उन रजिस्टर्ड एनबीएफसी और बैंकों के नामों का उल्लेख डिक्लेरशन में साफ-साफ करना होगा जिन्हें वह अपनी सेवा प्रदान कर रहा है.
इसके अलावा पर्सनल लोन देने वाले ऐप्स डेवलपर्स को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि ऐप डेवलपर का नाम डिक्लेरेशन में दर्शाए गए रजिस्टर्ड बिजनेस के नाम से मिलता हो. इसका मतलब है कि जिस नाम पर लोन देने का लाइसेंस है, वही नाम डेवलपर अकाउंट में भी दिखना चाहिए.
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Tags: Apps, Google, Google Play Store
FIRST PUBLISHED : May 12, 2022, 11:57 IST